dr vandna sharma
Wednesday, July 17, 2019
Thursday, July 4, 2019
आज शिल्प संग्रहालय जाने का अवसर प्राप्त हुआ. अद्भुत कला कौशल व् भारतीय संस्कृति को दर्शाता न जाने क्यों उपेक्षित महसूस करता है ,विदेशी तो बहुत आते है अवलोकन को लेकिन अपने ही देशवासी उपेक्षा करते है। शिल्प कला के अद्भुत अकल्पनीय ,दर्शन। कितनी विराट एवं महान कला संस्कृति है मेरे देश की। मुझे गर्व है इस देश में जन्म लिया। मात्र २० रुपए के टिकिट पर चलचित्र (मूवी ) भी दिखाते हैं फ्री में उस पर सभी राज्यों की अद्भुत कलाकारी , प्राकृतिक हरियाली , कोयल की कूक , मिटटी की खुशबु ,प्राचीन गांव के दर्शन ,निशब्द हूँ उस एहसास को बया करने में। बहुत ही सूंदर एवं मनोहारी जगह। सभी देशवासियो से अनुरोध अपनी संस्कृति को अनदेखा न करें , एक बार ज़रूर जाएँ अपने राष्ट्रीय संग्रहालय देखने। वहां बहुत से सच्चे कारीगर राह देख रहे हैं अपने सामान को लेकर कब से बैठे हैं कब आएंगे मेरे देशवासी-----. मिटटी का तवा ,सुराही अद्भुत नक्कारी से सु सज्जित व् हाथ से निर्मित सूती वस्त्र ,अन्य शिल्प कला बुला रही है आपको , आओ मेरे प्यारे देशवासी ,एक बार आओ तो सही
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