Saturday, June 30, 2012

बुझती हुई उम्मीदों के लिए एक उम्मीद बनना चाहती हु
जो हँसा दे किसी रोते हुए को ,वो हँसी बनना चाहती हु
किसी को दे जीने का मकसद ,वो जिंदगी बनना चाहती हु
जो सबको लगे अपना सा वो एहसास बनना चाहती हु।.......
वंदना शर्मा 
दोस्तों , आज से मै अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कर रही हू , अब तक मैंने अपने जीवन मे जो भी गलतिया की है , या जाने-अनजाने किसी का दिल दुखाया हो तो उसके लिए आप सभी से क्षमा चाहती हू , मै भी एक इंसान हु ,पूर्ण नहीं हु , बहुत सी कमिया है मेरे अंदर भी , बहुत सी गलतिया की है अपनी जिंदगी में , पर अब मई अपना समय रोने -झीकने और शिकायेते करने में व्यर्थ बर्बाद करना नहीं चाहती , जो हो चूका वो अब बदला नहीं जा सकता , अब आने वाले कल को सवारना है , ये जिंदगी किसी के काम आये तभी इसकी सार्थकता है , मै कोशिश करुँगी ,किसी के चेहरे पे मुस्कान लाने की , किसी का दुःख कम करने की , किसी की निराशा बनने में उसकी आशा बनने की।मेरी इस छोटी सी कोशिश में क्या आप मेरे साथ है ?????????

Thursday, June 28, 2012

क्या कहे इसे
दीवानगी ,पागलपन या अदम्य साहस
मूर्खता तो नहीं कह सकते
जब सोच -समझकर खुद पिया जाता है ज़हर
पता है इस राह की मंजिल नहीं
पर रास्ते बहुत खुबसूरत है
और इंसान जाता है उसी राह
खुद को बर्बाद करने की हिम्मत
सबमे कहाँ होती है तो
क्या कहा जाये इसे
मोह्बब्त ,इबादत या कुछ और
इतना मनोबल होता है उस समय
दहकते अंगारों पर भी उसे
पथ की दहकता नहीं
किसी की ख़ुशी दिखाई देती है
हँसते -हँसते लुटा देता है अपना सबकुछ
किसी एक के चेहरे पे
लेन को मुस्कान
आज तक नहीं कर पाया परिभाषित
कोई भी इंसान
क्या है ये ? खुद मिटकर भी
देना दुसरो को मुस्कान
प्रेम ,इश्क , चाहत ,और
भी है कई इसके नाम .........
वंदना शर्मा 
भूल जाना उस समय मुझे
जब मै  तुम्हारी खुशियों के बीच आऊ
पर याद  रखना जब
तन्हाई आकर घेरे
मै मीठी यादो की मुस्कान
बन तुम्हारे होंठो पे सज जाऊ
जब जिंदगी की धुप तपाये तुम्हे
याद रखना उस वक़्त मुझे
तुम्हे शीतल करने को बारिश की बूंदे बन जाऊ
जब कोई साथ न दे अपना
जब टूटे कोई सपना
न दे दिखाई कोई राह
याद करना उस वक़्त मुझे
तुम्हारी हिम्मत , तुम्हारा सहारा बन जाऊ
तुम्हारी ख़ुशी ,तुम्हारी हसी बन जाऊ
जब विस्वास तुम्हारा डगमगाए
जब कोई मुस्किल पड़ जाये
याद करना उस वक़्त मुझे
तुम्हारा विश्वास , तुम्हारा साथ बन जाऊ
तुम्हारी जीत , तुम्हारी मंजिल बन जाऊ
भूल जाना उस समय मुझे
 जब मै तुम्हारी खुशियों के बीच आऊ ..........