Wednesday, January 7, 2015

कितनी ही किताबें पढ़ डाली
कितने ही खंगाल डेल ग्रन्थ
पर एक किताब है ज़िंदगी
अजीब इबारत है इसमें लिखी
न पढ़ी जाये ,न छोड़ी जाएँ……

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