गीत -हम तुम
मानो या ना मानो
मानो या ना मानो
बहुत कुछ है
कहने को
आपके मन में भी
ये बात और है
तुम सुनना नहीं चाहते
ना अपने दिल की
ना मेरे दिल की
कुछ गलत हूँ मैं
तो कुछ गलत तुम भी
साथ ना चले हम
ना चले तुम
रास्ता भी एक
मंजिल भी एक
तो क्यों ना चले
साथ -साथ
हम -तुम तुम- हम -तुम हम -तुम
बोलो ना
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खूँटी
दीवार में लगी खूँटी
बड़ी उपयोगी होती है
ऑफिस जाते हुए
कार की चाबी तुरंत मिल जाती है
टंगी घड़ी याद दिलाती है
चलूंगी मै भी साथ
खूँटी पे टंगा पर्स इतराता है
मेनगेट की चाबी इठलाती है
सोचो एक दिन
ये सब यथा स्थान ना मिले खूँटी पर
तो क्या हंगामा हो
जाना हो ऑफिस नौ बजे
और १२ बज जाये चाबी ढूंढने में
दीवार की खूँटी
चिढ़ाए बार -बार
क्यों नहीं किया प्रयोग मेरा
अब रोओ जार -जार
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