Sunday, July 8, 2012

बारिश चाहे बेमोसम हो
या मौसम से हो
मुझे तो किअच्छी लगती है
किसी को बुरी लगती है तो लगे
मुझे तो अच्छी लगती है
सडको पे किचच होती है
तो हो जाने दो
कहीं पर पानी भर जाने दो
अभी तो बस तन भीगा है
मन को तो भीग जाने दो
बड़े बनकर तुमने क्या पाया
ओढ़ गम्भीरता क्या पाया
चलो छोड़ो क्या खोया क्या पाया
कभी तो बच्चा बनकर देखो
ये पागलपन भी करके देखो
इन बूंदों के साथ मचलकर देखो
छप -छप  पानी में छप -छप करना
तेज़ गरज सुनकर डरना
चम्--चम् बिजली चमकने दो
होश सारा खोने दो
जो जलता है जलने दो
आज तो बारिश होने दो .......
वंदना शर्मा 

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