Sunday, July 8, 2012

मेरे दर्द की दुनिया बहुत बड़ी है
मै एक लड़की हु
दर्द से गहरा नाता है मेरा
असहनीय दर्द सहकर भी सृजन करती हू
और मुस्कराती हू
मै एक कवि हू
सारी दुनिया का दर्द
मेरा दर्द बन कविता बन जाता है
पशु -पक्षी ,पेड़ो का दर्द भी आहत कर जाता है
इन सबसे ऊपर मै एक इन्सान हू
मानवता मेरा सबसे पहला धर्म है
इस दुनिया में जब कभी भी
कहीं भी मानवता आह्त होती है
तो दर्द मुझे होता है , आँखे मेरी रोती है
मेरे दर्द की दुनिया बहुत बड़ी है
दर्द से गहरा नाता है मेरा ..............
वंदना शर्मा 

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